Thuja 200 एक होम्योपैथिक मेडिसिन है जो थूजा ऑक्सिडेंटलिस नामक पौधे से तैयार की जाती है. इसका मुख्य यूज़ Thuja 200 uses in Hindi चर्म रोग, रक्त चाप,आमाशय, आंत, किडनी और मष्तिष्क। शरीर पर तिल, मस्से। गिलट या ट्यूमर जैसी समस्याओं में भी यह दवा कारगर मानी गयी है. शरीर के अंदर या बाहर खिन भी मांस की गुठली बनने या मांस बढ़ने (ट्यूमर या रसोली) को ख़त्म करने में डॉक्टर द्वारा थूजा 200 की डोज़ लेने की सलाह दी जाती है.
Thuja 200 uses in Hindi थूजा 200 के उपयोग
यह दवा मानव शरीर के लगभग हर हिस्से पर अपना असर दिखाती है, कुछ लोगों को लगता है कि Thuja Occidentalis 200 सिर्फ स्किन के रोगों के इलाज के लिए तो यह सोचना बिलकुल गलत है. यह दवाई सर से लेकर पाँव तक हर जगह अपना असर दिखाती है. यहां हम आपके लिए लेकर आये हैं Thuja 200 uses in Hindi से सम्बंधित सभी जानकारियों जैसे उपयोग विधि, फायदे, साइड इफेक्ट्स आदि.
थूजा ऑक्सिडेंटलिस एक प्रकार का पौधा होता है जिसकी पत्तियो और उसके तेल को दुनिया भर में मेडिकल फील्ड में इस्तेमाल किया जाता है। इस पौधे से बनी होम्योपैथिक दवा थूजा 200 मानव शरीर के बहुत से विकारों को दूर करती है. इसका इस्तेमाल स्किन से जुडी समस्या के लेकर ट्यूमर तक में किया जाता है. ज़्यादातर लोग इस दवा को स्किन ट्रीटमेंट के लिए जानते हैं, मगर यह मेडिसिन शरीर के हर हिस्से पर अपना अलग प्रभाव दिखाती है. इसका कोई साइड इफ़ेक्ट आज तक सामने नहीं आया है, इसलिए हम इसको सेफ टू यूज़ मेडिसिन कह सकते हैं. हालाँकि सेवन से पहले एकबार डॉक्टर की सलाह अवश्य लें.
थूजा 200 के फायदे Thuja 200 Benefits
थूजा 200 एक बहुत ही वर्सेटाइल मेडिसिन है जिसका उपयोग आप स्किन की समस्या को दूर करने, पेशाब के फ्लो को बढ़ाने, जोड़ों के दर्द, ऑस्टियोआर्थराइटिस, खांसी, और रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए कर सकते हैं. इसके अलावा भी इस मेडिसिन के अनेक फायदे हैं जो निम्नलिखित हैं.
स्किन की समस्याओं को दूर करने के लिए: इस दवा का उपयोग स्किन की प्रोब्लेम्स, जैसे तिल, मस्से, लाल चकत्ते, आदि को खत्म करने के लिया किया जाता है.
मूत्र रोगों के लिए: जिन लोगों को पेशाब में जलन, या बूँद बूँद पेशाब आने की समस्या है, थूजा २०० उनके लिए उपयोगी साबित हो सकती है, यह पेशाब के फ्लो को बढ़कर मूत्र सम्बंधित विकारों को दूर करती है.
गले के रोगों का इलाज: गले की खराश, और टॉन्सिलिटिस जैसी बीमारी के लक्षणों को थूजा २०० के उपयोग से कम किया जा सकता है.
कुछ रिसर्च में सामने आया है कि विटामिन सी के एक खास प्रोडक्ट को, इचिनेशिया, थूजा और एस्बेरिटॉक्स के साथ 2 हफ्तों तक लेने से गले के समस्यायें कम हो जाती हैं.
रक्त कोशिकाओं White Blood Cells की कमी:
जिन लोगों में श्वेत रक्त कोशिकाओं White Blood Cells की कमी होती है उन्हें थूजा २०० लेने की सलाह दी जाती है. करीब ६ महीने इलाज के बाद की कमी दूर होने लगती है.
हालाँकि, जिन लोगों ने लम्बे समय से किमोथैरेपी कराई है इनको इस दवा से कोई लाभ नही मिलता इसके अलावा जिन महिलाओं ने रेडिएशन थैरेपी करवाई है उनकी श्वेत रक्त कोशिकाओं की संख्या में भी कोई सुधार देखने को नही मिलता ।
मुँह के छालों में:
थूजा, इचिनेशिया, वाइल्ड इंडिगो ओर विटामिन सी के एक खास प्रोडक्ट को लेने से मुंह के छाले दूर होते हैं साथ ही उनसे होने वाली अकड़न में भी राहत मिलती है।
सावधानियां:
- दौरों की समस्या से पीडित हैं तो थूजा का उपयोग ना करें
- गर्भवस्था में थूजा का उपयोग करने से बचें
- इसके अलावा अगर आप बच्चे को स्तनपान कराने वाली माँ हैं तब भी आपको इस दवा को लेने से बचना चाहिये ।
- ऑटो इम्यून रोग में थूजा का उपयोग न करें
थूजा 200 के दुष्प्रभाव Thuja 200 Side Effects:
यह एक होम्योपैथिक मेडिसिन है जिसका कोई साइड इफ़ेक्ट अभी तक सामने नहीं आया है. हालाँकि इसकी ओवरडोज़ नुकसानदायक हो सकती है. अगर ऐसा होता है तो आपको चरण अपने डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए।
इसका कोई दुष्प्रभाव तो नहीं है फिर भी यह दवा कुछ सावधानियों के साथ लेनी चाहिए, जो निम्नलिखित हैं.
खुराक: Thuja 200 की कोई खुराक निश्चित नहीं है, यह आपकी उम्र और मेडिकल हिस्ट्री पर निर्भर करती है. इसकी सही खुराक और सेवन करने का तरीका जानने के लिए किसी अच्छे होम्योपैथिक डॉक्टर से परामर्श जरूर लें.
Disclaimer: इस लेख में हमने Thuja 200 uses in Hindi बताये है. थूजा 200 के उपयोग सिर्फ आपकी जानकारी के लिए बताये गए हैं, हम इस दवा के फायदे या नुक्सान की कोई जिम्मेदारी नहीं लेते हैं. इसलिए आप इस दवा का सेवन अपने रिस्क पर या फिर किसी अच्छे डॉक्टर की सलाह से ही करें। धन्यवाद।